किसी को मृगतृष्णा सी लगती, किसी के हाथ में कस्तूरी दे जाती है ज़िन्दगी। किसी को मृगतृष्णा सी लगती, किसी के हाथ में कस्तूरी दे जाती है ज़िन्दगी।
हर तरफ हरियाली है धूप-छांव भी मतवाली है! हर तरफ हरियाली है धूप-छांव भी मतवाली है!
साथ देगा हर घडी़ यकीन था जिन पर वो हर शख्स अब मगरूर हो गया है। साथ देगा हर घडी़ यकीन था जिन पर वो हर शख्स अब मगरूर हो गया है।
कैनवास के रंग.. कैनवास के रंग..
जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग। जमीं...क्यूँ हो रंगे लाल जब दोनों में बहता एक ही रंग।
कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।। कहे भाऊ कविराय, भरी हो सबकी झोली। खुशियों से भरी हो, पर्व रंगों का होली।।